बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर
प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. अवलोकन के प्रकार बताइए। अनियंत्रित अवलोकन तथा नियंत्रित अवलोकन किसे कहते हैं?
2. सहभागी अवलोकन किसे कहते हैं?
3. असहभागी अवलोकन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
अनियंत्रित अवलोकन को डॉ. पी. वी. यंग ने निम्न शब्दों में परिभाषित किया- "अनियन्त्रित निरीक्षणों में हमें वास्तविक जीवन की परिस्थितियों का सूक्ष्म परीक्षण करना होता है जिसमें यथार्थता क यन्त्रों का प्रयोग अथवा निरीक्षण की हुई घटना की शुद्धता की जाँच का कोई भी प्रयत्न नहीं किया जाता है।"
अनियंत्रित अवलोकन में मनुष्य को सामाजिक नियंत्रण में नहीं लिया जा सकता। इसके लिए अनुसन्धानकर्त्ता को उसी परिवेश में सम्मिलित करता है और प्रत्येक सामाजिक पक्ष का अवलोकन अपने स्वयं के ज्ञान द्वारा करता है।
नियंत्रित अवलोकन पद्धति को अनुसन्धानकर्त्ता ने कुछ नियमों द्वारा नियंत्रित किया है ताकि हमारा अनुसंधान कार्य वैज्ञानिक अनुसंधानों की भाँति शुद्ध व तथ्यपूर्ण हो जाए। यह निरीक्षण एक योजनाबद्ध तरीके से होता है। इस निरीक्षण पद्धति में नियंत्रण कार्य दो प्रकार के कार्य पर होता है -
(1) सामाजिक घटना पर नियंत्रण किया जाता है इसमें समाजशास्त्रीय अध्ययन कर्म को संचालित करने के लिए सामाजिक घटना की प्रकृति पर नियंत्रण करते हैं।
(2) स्वयं निरीक्षणकर्त्ता पर भी यह विधि नियंत्रण करती है। अन्य शब्दों में अनुसन्धानकर्त्ता को सामाजिक नियंत्रण में रहना आवश्यक है।
सहभागी अवलोकन
प्रो. मैज के अनुसार- "अवलोकनकर्ता के दिल की धड़कने उस अध्ययन समूह के व्यक्तियों के दिल की धड़कनों से मिल जाती है और वह अनजान व्यक्ति नहीं रहता है। समूह उसको मान्यता देता है इसलिए वह सहभागी अवलोकनकत्ता कहलाने का अधिकार प्राप्त करता है।
सहभागी अवलोकन जैसे कि नाम से स्पष्ट है इसमें अनुसन्धानकर्ता उस प्रकार के अवलोकन में सहयोग देता है जिसका वास्तविक रूप से अध्ययन कार्य किया जाता है। इसमें अनुसन्धानकर्त्ता स्वयं पूर्ण या अस्थाई रूप से उनके बीच जाकर कार्य करता है तथा उनका अवलोकन करता है।"
सहभागी अवलोकन की परिभाषाएँ
सहभागी अवलोकन को अनेक विद्वानों ने परिभाषित किया है -
सहभागी अवलोकन पद्धति के अन्तर्गत अवलोकनकर्त्ता अध्ययन समूह के अन्दर इस प्रकार अपनी सहभागिता दर्ज कर लेता है कि वह अपने आपको भी भूल जाता है। इसी आधार पर अनेक समाजशास्त्रियों ने सहभागी अवलोकन को अपने मतानुसार व्यक्त किया है इसमें कुछ इस प्रकार व्यवस्थित करने का प्रयत्न किया गया है।
(1) "इस कार्य पद्धति का उस समय प्रयोग किया जाता है जब अनुसंधानकर्ता अपने को समूह के सदस्य स्वीकृत हो जाने के योग्य बना लेता है।" - प्रो. गुडे और हट्ट "
This procedure is used when the investigator can so disguise himself as to be accepted as members of the group." - Prof. Goode and Hatt, Ibid, P. 121.
(2) "सहभागी निरीक्षण इस सिद्धान्त पर आधारित है कि किसी भी घटना का विश्लेषण तभी शुद्ध हो सकता है जब वह आन्तरिक एवं बाहरी दृष्टिकोण से मिलकर बना हो। इस प्रकार उस व्यक्ति का दृष्टिकोण, जिसने घटना में भाग लिया तथा जिसकी इच्छायें एवं स्वार्थ उसमें किसी-न-किसी रूप में निहित थे, उस व्यक्ति के दृष्टिकोण से निश्चय ही कहीं अधिक यथार्थता व भिन्नता होगी जो सहभागी न होकर केवल ऊपरी विवेचनाकर्त्ता के रूप में रहा है।" - प्रो. लिण्डमैन (Social Discovery), 1924
"Participant observations is based on the theory that an interpretation of an event can only be approximately correct when it is a composite of two points of view, the out side and inside. Thus the view of the person who was a participant in the events, whose wishes and interest were in some way involved and the view of the person who was not a participant but only an observer, covalence in a find synthesis." - By Eduard C. Lindeman 1924, Social Discovery
सहभागी अवलोकन के लाभ
सहभागी अवलोकन के अनेक लाभ हैं। इसे एक तालिका द्वारा समझा जा सकता है -
(1) प्राकृतिक व्यवहार को लिपिबद्ध करना
(2) गहन अध्ययन का अनुभव
(3) विस्तृत रूप में सामग्री का एकत्रीकरण
(4) आँकड़ों की विश्वसनीयता
(5) एकत्रित आँकड़ों की परीक्षा सम्भव
सहभागी अवलोकन के दोष
सहभागी अवलोकन के अनेक दोष भी हैं जिनमें निम्न प्रमुख हैं -
(1) सहभागी अवलोकन में अवलोकनकर्त्ता कभी-कभी उद्देश्य से भटक जाता है।
(2) इस प्रविधि के माध्यम से प्रमाणित आँकड़े प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं।
(3) इस प्रविधि के माध्यम से प्रमाणित आँकड़े प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं।
(4) इस विधि में यदि अनुसंधानकर्त्ता किसी प्रतिनिधित्व पूर्णापद पर उस समूह द्वारा चुन लिया जाता है तो अनुसन्धानकर्त्ता को अपना व्यावहारिक परिवर्तन करना पड़ता है। इससे सहभागी अवलोकन कार्य प्रभावित होता है।
असहभागी अवलोकन
इस प्रविधि के अन्तर्गत अवलोकनकर्त्ता सीधे तरीके से समूह में हिस्सेदारी नहीं निभाता। वह एक निश्चित या अनिश्चित दूरी पर रहता है। वह अवलोकन कठिन होता है। जब सहभागी अवलोकन के माध्यम से पूर्ण जानकारी सम्भव नहीं होती तब इसका प्रयोग किया जाता है। असहभागी अवलोकन में अनुसन्धानकर्त्ता को किसी समूह का निश्चित समय के लिए सदस्य बनने की आवश्यकता नहीं होती है तथा न ही उसे उनके क्रिया-कलाप में भाग लेने की आवश्यकता होती है। वह उचित दूरी पर रहकर उनके क्रिया-कलापों की जानकारी लेता है। इसके लिए वह पत्राचार आदि का सहारा भी लेता है इस प्रविधि में अधिक शुद्धता आने की सम्भावना रहती है क्योंकि इस विधि में अवलोकनकर्ता अवलोकन से दूर रहता है तथा पक्षपात नहीं हो पाता।
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- प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
- प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
- प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
- प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
- प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
- प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
- प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
- प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
- प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
- प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
- प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
- प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
- प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
- प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
- प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
- प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
- प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला